नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Saturday, October 9, 2010
जय मां पहाड़ा वाली जय मां शेरा वाली कर दे कोई चमत्कार,सारा जग माने तेरा उपकार
मालीगांव
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सार्थक लेखन के लिये आभार एवं "उम्र कैदी" की ओर से शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteजीवन तो इंसान ही नहीं, बल्कि सभी जीव भी जीते हैं, लेकिन इस मसाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, मनमानी और भेदभावपूर्ण व्यवस्था के चलते कुछ लोगों के लिये यह मानव जीवन अभिशाप बना जाता है। आज मैं यह सब झेल रहा हूँ। जब तक मुझ जैसे समस्याग्रस्त लोगों को समाज के लोग अपने हाल पर छोडकर आगे बढते जायेंगे, हालात लगातार बिगडते ही जायेंगे। बल्कि हालात बिगडते जाने का यही बडा कारण है। भगवान ना करे, लेकिन कल को आप या आपका कोई भी इस षडयन्त्र का शिकार हो सकता है!
अत: यदि आपके पास केवल दो मिनट का समय हो तो कृपया मुझ उम्र-कैदी का निम्न ब्लॉग पढने का कष्ट करें हो सकता है कि आप के अनुभवों से मुझे कोई मार्ग या दिशा मिल जाये या मेरा जीवन संघर्ष आपके या अन्य किसी के काम आ जाये।
http://umraquaidi.blogspot.com/
आपका शुभचिन्तक
"उम्र कैदी"
बहुत ही खूबसूरत तश्बीरोँ के साथ एक सकारात्मक तथा सार्थक लेख के लिए बहुत-बहुत बधाई! -: VISIT MY BLOG :- मेरे ब्लोग पर पढ़िये इस बार ......... जाने किस बात की सजा देती होँ..........गजल।
ReplyDeleteराबड़ी: का करत हो?
ReplyDeleteलालू: इक दोस्त को खत लिख रहा हूं
राबरी: पर तोहार लिखना तो आवे नाही
लालू: वो भी तो ससुरा पढना नहीं जानत
सभी अच्छे लगे ....!!